कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने उत्तर प्रदेश के संभल के शाही जामा मस्जिद इलाके में हाल ही में हुई हिंसा के लिए सीधे तौर पर भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।
यह घटना एक सर्वेक्षण के दौरान हुई थी, जिसमें तीन लोगों की दुखद मौत हो गई। खेड़ा ने अपनी टिप्पणी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आलोचना की और उन पर ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया, जहां कोई भी नागरिक सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने योगी आदित्यनाथ के शासन से जुड़े कुख्यात नारे “बाटेंगे तो कटेंगे” की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस तरह की विभाजनकारी बयानबाजी से कानून-व्यवस्था चरमरा गई है।
खेड़ा के अनुसार, संभल में हुई हिंसा भाजपा और आरएसएस द्वारा क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को भड़काने की एक सुनियोजित साजिश का सीधा नतीजा थी। उन्होंने आदित्यनाथ के प्रशासन की विरोधाभासी प्रकृति पर सवाल उठाते हुए कहा, “एक तरफ ‘एकजुट होने पर ही सब सुरक्षित है’ का खोखला नारा है,
वहीं दूसरी तरफ प्रशासन समुदायों को बांट रहा है, नफरत की दीवारें खड़ी करने के लिए धर्म को ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा है और निर्दोष लोगों की जान ले रहा है।” खेड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि ये मौतें आदित्यनाथ सरकार की शांति बनाए रखने और हिंसा को रोकने में विफलता का नतीजा हैं।
संभल में यह घटना रविवार सुबह हुई जब शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान पत्थर फेंके गए। भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस ने आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया, जिससे इलाके में तनाव बढ़ गया।
खेड़ा के बयान में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नागरिकों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता को उजागर किया गया है, जिसमें जोर दिया गया है कि संभल में हिंसा भाजपा-आरएसएस की विभाजनकारी नीतियों का परिणाम है, जिसने राज्य में कलह को बढ़ावा दिया है।







